February 19, 2025 12:56 pm

खाने के तेल की नहीं बढ़ेंगी कीमतें! सरकार ने Edible Oil पर लिया ये फैसला, आपकी जेब पर नहीं बढ़ेगा भार

पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात मौजूदा वर्ष में रिकॉर्ड 17 मिलियन टन रहने का है अनुमान।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात मौजूदा वर्ष में रिकॉर्ड 17 मिलियन टन रहने का है अनुमान।

खाने के तेल की कीमतों को आगे नहीं बढ़ने देने या कंट्रोल में रखने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेल के इम्पोर्ट (आयात) पर लागू कम सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। घटी हुई ड्यूटी लागू होने की यह तारीख अब मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। IANS की खबर के मुताबिक, सरकार ने इस साल जून में शुरू में कच्चे पाम तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और कच्चे सोया तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को कम कर दिया था।

कस्टम ड्यूटी घटाकर 12.5% कर दिया था

खबर के मुताबिक,तब सरकार ने कस्टम ड्यूटी मार्च 2024 तक 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था क्योंकि कीमतें नियंत्रण से बाहर हो रही थीं। बता दें, भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है क्योंकि यह अपनी 60 प्रतिशत जरूरत इम्पोर्ट के जरिये पूरी करता है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है। इसके अलावा, यह अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है।

कंपनियों ने घटाई थी कीमत

सरकार के खाद्य तेल पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान के कुछ समय बाद कंपनियों ने भी कीमतों में कटौती कर दी थी। मई 2023 में सरकार की अपील पर मदर डेयरी ने ’धारा’ ब्रांड के तहत बिकने वाले अपने खाद्य तेलों का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 15 से 20 रुपये प्रति लीटर घटा दिया था। तब फॉर्च्यून और जेमिनी जैसे ब्रांड ने भी कीमतों में कटौती की थी। सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों पर सरकार के इस फैसले का असर बढ़ोतरी के तौर पर होने की संभावना अब कम हो गई है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) का अनुमान है कि भारत में खाद्य तेलों – पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात मौजूदा वर्ष में रिकॉर्ड 17 मिलियन टन (एमटी) रहेगा।

Latest Business News

Source link

mirchilaal
Author: mirchilaal

Anil

Leave a Comment

Read More

  • Poola Jada

Read More