
गायत्री मंदिर वार्ड में पेयजल संकट, पार्षद नारायणी ने टैंकर भेजने में लगाया भेदभाव का आरोप

दुर्ग । मौसम विभाग ने इस बार तेज गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया है। तपिस को अभी एक हफ्ता भी नहीं गुजरा है, लेकिन दुर्ग शहर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई है। वार्डों से पेयजल संकट की शिकायतें सामने आने लगी है। जिससे वार्डवासियों को पेयजल के लिए परेशानियां उठानी पड़ रही है। गंदा प्रदूषित पेयजल भी चिंता का कारण बना हुआ है। आमापारा वार्ड क्रमांक-12 पश्चिम के विजयनगर क्षेत्र से बुधवार को गंदा पेयजल आपूर्ति होने की शिकायतें भी सामने आई है। इससे आक्रोशित वार्ड के पार्षद अजीत वैद्य एक बोतल में गंदा पेयजल लेकर स्वयं वार्डवासियों के साथ नगर निगम के जलगृह विभाग पहुंचे थे। इस दौरान उन्होने गंदा पेयजल आपूर्ति की शिकायत की और व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर दिया। पार्षद अजीत वैद्य ने कहा कि वार्ड में कुछ स्थानों की पेयजल पाईपलाईन क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके माध्यम से गंदा प्रदूषित पानी घरों तक पहुंच रहा है।
जलगृह विभाग से उन्हें पेयजल पाईपलाईन ठीक करवाने का आश्वासन मिलने पर वे वापस लौटे। इसी प्रकार गायत्री मंदिर वार्ड क्रमांक-25 में बुधवार को पेयजल संकट से लोग परेशान रहे। पेयजल संकट की शिकायत वार्ड के पार्षद राजकुमार नारायणी तक भी पहुंची। उन्होने लोगों को पेयजल संकट से राहत दिलाने नगर निगम के जलगृह विभाग में संपर्क किया,लेकिन वहां बैठे जिम्मेदारों ने पार्षद के शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से वार्ड के लोग पेयजल के लिए घंटो परेशान होते रहे। फलस्वरुप पार्षद राजकुमार नारायणी ने जलघर में दस्तक दी। तब कहीं उनके वार्ड के पेयजल संकट प्रभावित क्षेत्र में पानी के टैंकर भेजे गए। वह टैंकर भी केवल खानापूर्ति साबित हुई। पार्षद राजकुमार नारायणी ने आरोप लगाया कि नगर निगम का जलगृह विभाग पेयजल संकट को लेकर गंभीर नहीं है। पेयजल के वैकल्पिक व्यवस्था टेैंकर वार्डों में भेजने भेदभाव किया जा रहा है। जिसकी वजह से जहां पेयजल की ज्यादा जरुरत है, उन पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में टैंकर विलंब से पहुंचते है। जो पेयजल संकट से प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को और बढ़ा रहे है। पार्षद राजकुमार नारायणी ने कहा कि अगर नगर निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी पेयजल के उचित व्यवस्था पर गर्मी पूर्व ध्यान केन्द्रित किए होते, तो आज शहर के वार्डों में पेयजल संकट की यह स्थिति निर्मित नहीं होती।

Author: mirchilaal
