
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा धमधा ब्लाक के कन्हारपुरी गांव में आयोजित किसान बईठका में शामिल किसानों का कहना था कि उनके लिए कृषि उपजों का सी 2 लागत पर 50% लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य और इसकी कानूनी गारंटी अहम है भाजपा ने 2014 में इसे लागू करने का वायदा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया है भाजपा के 2024 के चुनाव घोषणापत्र में इस पर कोई बात नहीं है किसानों का कहना है कि उन्हें 500/- प्रति माह का सम्मान नहीं एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए,
किसान बईठका में शामिल किसानों ने प्रदेश के विष्णुदेव साय सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कृषक उन्नति योजना में लाखों किसानों को जो धान के बजाय दलहन, तिलहन, सब्जी आदि की फसल लेते हैं आदान राशि से वंचित कर दिया है सिर्फ सरकार को धान बेचने वाले किसान को ही प्रति एकड़ 19257/- की आदान राशि दी जा रही है भाजपा सरकार के इस भेदकारी नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा,

मोदी जी के पास किसानों के लिए कोई गारंटी नहीं है
लोकसभा चुनाव में मोदी जी की गारंटी की बड़ी चर्चा हो रही है लेकिन मोदी जी के पास किसानों के लिए कोई गारंटी नहीं है इससे ऐसा लगता है कि किसान भाजपा और मोदी जी की प्राथमिकता में नहीं है, भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में कृषि उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पूर्व की तरह हर साल बढ़ाने की बात कही गई है लेकिन किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में घोषणापत्र में चुप्पी है,
किसान बईठका में शामिल किसानों ने कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र पर चर्चा करते हुए कहा कि एमएसपी की गारंटी लागू करने, किसानों का कर्ज माफ करने और खाद बीज दवा, कृषि यंत्रों से जीएसटी समाप्त करने का वायदा स्वागत योग्य है लेकिन सी 2 लागत पर 50% लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का वायदा कांग्रेस ने भी नहीं किया है,
सामाजिक संगठनों को किसानों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए
कन्हारपुरी किसान बईठका में शामिल किसानों का कहना है कि प्रदेश में सामाजिक संगठन मजबूत है और सभी समाज की आजीविका कृषि पर निर्भर है लेकिन एक भी सामाजिक संगठन अपनी बैठकों में किसान और किसानी पर चर्चा नहीं करते हैं,
किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुई क्षति के लिए राहत राशि का इंतजार है
धमधा ब्लाक में पिछले माह वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को भारी क्षति हुई थी और किसानों को लाखों का नुक़सान हुआ था 40 दिन बीत जाने के बाद भी प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देने में शासन प्रशासन विफल रही है,
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के कन्हारपुरी किसान बईठका में आसपास के किसान शामिल हुए जिसमें त्रिलोकी पटेल, हेमंत पटेल,पीलाराम पटेल, रोमन पटेल,गंगुदाऊ वर्मा, बोधन पटेल, नारायण पटेल, मोहन वर्मा, दिनेश कश्यप छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संतु पटेल, आई के वर्मा, राजकुमार गुप्त आदि शामिल रहे।

Author: mirchilaal
