सेलूद क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण पत्थर खदानों के प्रदूषण और हैवी ब्लास्टिंग के कारण आसमान से बरसते पत्थरों से पहले ही परेशान है, इधर जिम्मेदार मिलीभगत कर फिर से दो पत्थर खदानों की अनुमति की तैयारी कर रहे हैं। खास बात यह है कि ग्रामीण पहले से ही पत्थर खदानों का विरोध कर रहे हैं, इस पर अब नए खदानों को मंजूरी की तैयारी से बड़े आक्रोश की आशंका दिख रही है।


सेलूद क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण पत्थर खदानों के प्रदूषण और हैवी ब्लास्टिंग के कारण आसमान से बरसते पत्थरों से पहले ही परेशान है, इधर जिम्मेदार मिलीभगत कर फिर से दो पत्थर खदानों की अनुमति की तैयारी कर रहे हैं। खास बात यह है कि ग्रामीण पहले से ही पत्थर खदानों का विरोध कर रहे हैं, इस पर अब नए खदानों को मंजूरी की तैयारी से बड़े आक्रोश की आशंका दिख रही है।
गौरतलब है कि सेलूद और इसके आसपास लगे पतोरा, चुनकट्टा, मुड़पार, ढौर, छाटा और पेंड्री सहित नजदीकी गांवों में करीब 30 से 40 पत्थर खदानों का संचालन किया जा रहा है। इन खदानों के साथ क्षेत्र में क्रसिंग प्लांट यानि क्रेशर और हाट मिक्स प्लांट यानि डामर फैक्ट्रियों का भी संचालन किया जाता है। खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर खदान व प्लांट इन गांवों के आबादी के बेहद करीब है। इससे पूरे इलाके में धूल, धुएं के साथ गंभीर प्रदूषण की शिकायत है। वहीं पत्थर खदानों में पारंपरिक तरीके की जगह बोर मशीनों से ड्रिल कर हैवी ब्लास्टिंग भी की जा रही है। हैवी ब्लास्टिंग से पत्थरों से टुकड़े खदानों से उछलकर आबादी के बीच लोगों के घरों में गिरने की शिकायत रहती है। हर दूसरे दिन पत्थरों के घरों में गिरने की शिकायत रहती है। इसके चलते ग्रामीणों में पहले ही आक्रोश है।
पत्थरों से नुकसान पर कार्रवाई नहीं
पिछले दिनों हैवी ब्लास्टिंग के कारण भारी-भरकम पत्थर नजदीक के घर में गिरने का बड़ा हादसा हुआ था। हालांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन खतरे को देखते हुए इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने खदान संचालक के खिलाफ मामला तो दर्ज किया, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की। खनिज विभाग मामले में हमेशा की तरह आंख मूंदकर बैठ गई। ऐसी दर्जनों घटनाएं यहां हो चुकी है।
16 को गुपचुप जनसुनवाई की तैयारी
इधर सेलूद क्षेत्र में फिर से दो खदानों की अनुमति के लिए जनसुनवाई की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक साथ दो खदान की अनुमति के लिए जनसुनवाई 16 अगस्त को करने की तैयारी है, लेकिन अब तक इसकी कोई भी सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे खदान संचालकों को खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से जनसुनवाई की खानापूर्ति की आशंका बढ़ गई है।
शत-प्रतिशत विरोध के बाद भी अनुमति
सेलूद क्षेत्र में पत्थर खदानों का लगातार विरोध हो रहा है। पिछले दिनों इसी तरह नए खदानों की अनुमति के लिए पहले चुनकट्टा और इसके बाद ढौर में जनसुनवाई कराई गई थी। इसमें स्थानीय लोगों ने शत-प्रतिशत विरोध दर्ज कराई थी। इसी तरह पेंड्री में भी जनसुनवाई की गई थी। बताया जा रहा है कि यहां भी जबरदस्त विरोध के बाद भी खदान की अनुमति की अनुशंसा कर दी गई।

Author: mirchilaal
