February 18, 2025 3:12 am

यहां ब्लास्टिंग से कांपती है धरती, फिर भी नई खदानें खोलने की तैयारी…30 को जनसुनवाई, चुनकट्टा-मुड़पार के ग्रामीण लामबंद, विरोध की तैयारी

पत्थर खदानों की हैवी ब्लास्टिंग और धूल, धुएं व प्रदूषण की मार झेल रहे ग्राम चुनकट्टा और मुड़पार के लोगों की पीड़ा को दरकिनार कर इलाके में फिर से नई खदानें खोलने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पहली जनसुनवाई 30 अगस्त को चुनकट्टा के आदिवासी भवन में होने जा रहा है। चुनकट्टा और मुड़पार में नए खदानों के विरोध में ग्रामीणों की अभी से लामबंदी शुरू हो गई है। दोनों गांवों के ग्रामीण जनसुनवाई में एकमत होकर खदान के विरोध की तैयारी कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अभी हैवी ब्लास्टिंग से आसपास के आधा दर्जन गांवों की जमीन हिल जाती है। नए खदानों से परेशानी और भी बढ़ेगी। इसलिए इनका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

यहां ब्लास्टिंग से कांपती है धरती, फिर भी नई खदानें खोलने की तैयारी...30 को जनसुनवाइ
प्रतीकात्मक

सेलूद इलाके में आधा सैकड़ा से ज्यादा पत्थर के खदान पहले से ही संचालित है। इनमें से सर्वाधिक खदान चुनकट्टा और मुड़पार के आसपास चल रहे हैं। पत्थर खदानों के साथ कई क्रेशर व डामर फैक्ट्रियां भी चलाई जा रही है। इनसे धूल, धूएं के साथ कई गंभीर प्रदूषण का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है। ग्रामीणों की मानें तो खदानों में पत्थरों को तोडऩे के लिए मशीनों से ड्रिल कर नियम विरूद्ध हैवी ब्लास्टिंग भी किया जाता है। खदान खोलने से पहले संचालकों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधरोपण, पानी के छिड़काव और हैवी ब्लास्टिंग नहीं करने का भरोसा दिलाया जाता है, लेकिन खदान स्वीकृति के बाद इसका पालन नहीं किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि अभी संचालित किसी भी खदान में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। न तो पौधरोपण किया गया है और न ही पानी का छिड़काव किया जाता है। हैवी ब्लास्टिंग भी रोजाना की बात है।

ब्लास्टिंग से पत्थर घर में गिरा, नहीं हुई कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया है हैवी ब्लास्टिंग से जमीन ही नहीं हिलती, पत्थर के बड़े टुकड़े उछलकर लोगों के घरों तक भी पहुंच जाता है। पिछले दिनों मुड़पार से लगे एक खदान में इसी तरह हैवी ब्लास्टिंग के बाद कई किलो वजनी पत्थर एक घर में आकर गिरा। इससे जनहानि जैसी स्थिति बन सकती थी। इसकी पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। इस पर खदान संचालक और ब्लास्टर के खिलाफ अपराध भी पंजीबद्ध किया गया है, लेकिन अभी तक मामले में किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जिला प्रशासन और खनिज विभाग ने इससे पल्ला झाड़ लिया है।

सुनवाई निपटने के बाद झांकने नहीं आते अफसर

ग्रामीणों का कहना है कि जन सुनवाई के दौरान आम तौर पर अफसरों और खदान संचालकों द्वारा ग्रामीणों को व्यवस्थाओं और सुविधाओं का सपना दिखाकर सहमति ले लिया जाता है, लेकिन इसके बाद अफसर खदानों को झांकने तक नहीं आते। ग्रामीणों ने बताया कि पिछली जनसुनवाई में विरोध पर अफसरों ने खदानों की नियमित जांचकर इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन इसके बाद अफसर दोबारा यहां लौटकर नहीं आए। इसे लेकर ग्रामीणों में अब भी आक्रोश है।

सिलसिलेवार आधा दर्जन खदान की जनसुनवाई की तैयारी

चुनकट्टा और मुड़पार ही नहीं, इसके अलावा भी सेलूद, पतोरा, ढौर और गोंडपेंड्री में सिलसिलेवार आधा दर्जन से ज्यादा खदानों को खोलने के लिए जनसुनवाई की तैयारी की जा रही है। पिछले दिनों सेलूद में दो खदानों के लिए जनसुनवाई की गई। शेष गांवों में आगामी दिनों में जनसुनवाई किया जाना है। इन गांवों में भी नए खदान खोलने को लेकर आपत्ति की जानकारी सामने आ रही है। ग्रामीण यहां भी जनसुनवाई में खदानों के विरोध की तैयारी कर रहे हैं।

mirchilaal
Author: mirchilaal

Anil

Leave a Comment

Read More

  • Poola Jada

Read More