February 19, 2025 1:58 pm

जनहित में राजनीति नहीं…पाटन के जिला पंचायत सदस्यों पेश की मिसाल, मिलकर उठाया पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग का मुद्दा, बोले नहीं दें नए खदानों को मंजूरी

mirchilaal@दुर्ग. राजनीति में दलीय निष्ठा के सामने जनहित गौण हो चली है, ऐसे में पाटन विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस और भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों ने जिस तरह सेलूद चुनकट्टा क्षेत्र में पत्थर खदानों के चलते उपज रही भयावह स्थिति पर एकजुटता दिखाते हुए विरोध दर्ज कराया, वह किसी मिसाल से कम नहीं है। क्षेत्र के खदान संचालकों के मनमानी के चलते चुनकट्टा और मुड़पार गांव जहां उजडऩे की स्थिति में पहुंच चुका है। वहीं आसपास का पूरा इलाका हैवी ब्लास्टिंग से परेशान है। जिला पंचायत की सामान्य सभा में सदस्यों ने न सिर्फ यह मामला उठाया, बल्कि प्रशासन से क्षेत्र में नए खदानों को स्वीकृति नहीं देने की मांग उठाई है।

जिला पंचायत की सामान्य सभा में दक्षिण पाटन के कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अशोक साहू और मध्य पाटन की भाजपा की जिला पंचायत सदस्य हर्षा लोकमणी चंद्राकर ने यह मामला उठाया। सदस्यों ने बैठक में कहा कि सेलूद, चुनकट्टा क्षेत्र में अब नए पत्थर खदानों को अनुमति नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चुनकट्टा और मुड़पार के चारों ओर खदानें हो गई है। स्थिति यह है कि खनन क्षेत्र आबादी तक पहुंच गई है। आबादी बसे होने के बावजूद जन भावनाओं के विपरीत खदान स्वीकृति कर दी जाती है। खदानों में भारी भरकम ब्लास्टिंग किया जा रहा है। इससे लोगों के घरों में दरारें आ रही है। बैठक में मौजूद खनिज अधिकारी दीपक मिश्रा ने इसके जवाब में कहा कि खान सुरक्षा निदेशालय हैवी ब्लास्टिंग के मामले में तकनीकी जांच कर रही है।

जनसुनवाई पर भी उठाए सवाल

बैठक में बताया कि नवीन खदान के अनुमति के पहले जन सुनवाई होती है। इस पर सदस्यों ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि 90 प्रतिशत लोगों की असहमति के बाद भी खदान की अनुमति दे दी जाती है। यह बेहद गंभीर मामला है। सदस्यों ने कहा कि अब उक्त इलाके में नए खदानों को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए।

शासन स्तर पर हो पहल तो बनें बात

जिला पंचायत सहित अन्य मंचों पर पहले भी नए खदान स्वीकृत नहीं किए जाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन इसकी अनदेखी की जाती रही है। वहीं जनसुनवाई में भी मिलीभगत कर समर्थन जुटा ली जाती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर मामला उठाए जाने से इस पर रोक की संभावना कम ही दिखती है। ऐसे में शासन स्तर मामला पहुंचाकर इस पर बंदिश लगवाई जा सकती है। दोनों जिला पंचायत सदस्य अपने नेताओं के माध्यम से पहल करें, तो ग्रामीणों को राहत मिल सकती है।

इधर लात-धूंसों की बीच कर ली जनसुनवाई

इधर जहां जिला पंचायत में मामला उठाया जा रहा था, उसी समय चुनकट्टा में आपत्तिजनक स्थिति में नए खदान के लिए जनसुनवाई भी कर ली गई। बताया जा रहा है खदान के समर्थन में जुटाए गए लोगों ने पूरे समय अफसरों के सामने मंच को घेरे रखा ताक कोई भी विरोध करने वाला मंच तक नहीं पहुंच सके। जिन्होंने मंच तक जाने व विरोध का प्रयास किया उन पर अफसरों की मौजूदगी में मारपीट भी की गई, फिर भी सुनवाई चलती रही। बताया जा रहा है कि अफसरों के सामने मंच के सामने समर्थन में बोलो और खदान संचालक के आदमियों के पास नाम दर्ज कराओ का खेल भी चलता रहा।

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Author: mirchilaal

Anil

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