February 19, 2025 11:29 am

रिसाली डीपीएस स्कूल में नाबालिक छात्रा के साथ अनाचार के मामले को दबाने वाले दोषियों पर कार्यवाही के लिए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पत्र

ज़िला युवा कांग्रेस दुर्ग ग्रामीण की मासिक बैठक दुर्ग राजीव भवन में आयोजित हुई विगत दो महापूर्व डीपीएस स्कूल रिसाली में एक नाबालिक छात्रा के साथ अनाचार होने की घटना को स्कूल प्रबंधन द्वारा दबाने का प्रयास किया सूत्रों के अनुसार दुर्ग पुलिस द्वारा बालिका के पलकों पर दबाव बनाया गया कानूनी कार्यवाही नहीं होने दी गई समस्त मामला दुर्ग पुलिस अधीक्षक महोदय के संज्ञान में होने पर भी उन्होंने असंवेदनशीलता का परिचय दिया मामले पर जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने आवाज उठाई तब दिनांक 9/2024 को पुलिस प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की मीडिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फिर दर्ज अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध पास को एक्ट के धारा 8 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया

POCSO प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस

जिसे बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है जो 18 वर्ष से कम आयु के लड़के/लड़कियों पर अनाचार होने पर सजा दी जाती है उक्त मामले में पुरुष /महिला दोनों के विरुद्ध सजा का प्रावधान है वह मामले पर दबाव बनाने वाले पर मामला दर्ज न होने पर धारा 21(1) के तहत 6 महीने तक कैद हुआ जुर्माना देने का प्रावधान है ऐसे अपराध करने वालों को जमानत का प्रावधान भी नहीं है वह यह एक विशेष अपराध है जिस पर समझौता नहीं किया जा सकता ऐसे गंभीर मामले पर दो महीने बाद सितंबर 2024 के अज्ञात आरोपी के विरुद्ध एफआईआर मामले पर दुर्ग सांसद ने भी सपा दुर्ग पर आरोप लगाया कि इस मामले में उन्होंने सपा को कार्यवाही के लिए कहा जिस पर उन्होंने मामला को दबा दिया फल स्वरुप विपक्ष के लोगों को सरकार के विरुद्ध मामला मिल गया (संपूर्ण प्रकरण में प्रमुख रूप से)
१. डीपीएस प्रिंसिपल वह आरोपी व्यक्ति( अज्ञात जो पकड़ से बाहर है )

  1. जांच करता अधिकारी
  2. पुलिस अधीक्षक की संदिग्ध भूमिका।

तीनों की भूमिका संदिग्ध है। अतः महोदय जी से प्रार्थना है कि युक्त मामले को संज्ञान लेते हुए: –
१. जब पालकों द्वारा टी.सी. के लिए आवेदन किया गया तब स्कूल प्रबंधन द्वारा पुलिस प्रशासन को सूचित नहीं किया गया जो की जांच का विषय है।

  1. घटना अखबारों में प्रकाशित होने के पश्चात हरकत में आकर स्कूल प्रबंधन द्वारा सभी बस स्कूल स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया यह भी जांच का विषय है।
  2. पालकों द्वारा स्कूल का घेराव किए जाने के पश्चात भी स्कूल प्रबंधन (प्रिंसिपल) व दुर्ग पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया जाना वह पीड़ित बालिका का क्लास जीस ब्लॉक में था। वहां के कुछ भृत्य एवं अन्य स्टाफ को तत्काल वहां से हटा दिया गया जो की संदिग्ध है।
  3. संपूर्ण मामले में कार्यवाही दो माह में भी पुलिस द्वारा नहीं किया गया एवं पुलिस प्रशासन की भूमिका के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने पर टेबल कुर्सी छीनकर ले जाना वह एफ.आई.आर.में देरी मामले में वर्तमान दुर्गा सपा की संदिग्ध भूमिका को प्रमाणित करता है। कार्यक्रम के दिन आंदोलनकर्ताओं को भिलाई सी.एस.पी. सत्य प्रकाश तिवारी जी द्वारा भी सभी युवा कांग्रेसियों को ऐसी की तैसी कर दूंगा ,ऐसा कहकर धमकाया जाना वह हस्ताक्षर अभियान के पूर्व सामान को बलपूर्वक छीन कर ले जाना दुर्ग पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बनाता है।

उक्त मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप को हटाकर मामले की न्यायिक जांच करवा कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए एवं उक्त प्रकरण को दबा दिया गया है वह पलक गनों को बच्चों के भविष्य के नाम पर दबाव बनाया गया है। अतः प्रकरण की निष्पक्ष उचित न्यायिक जांच करवाने की माँग सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से युवा कांग्रेस ने की है प्रभारी नरेंद्र वर्मा जयंत देशमुख ,अध्यक्ष( जिला युवा कांग्रेस दुर्ग(ग्रा)),दीप सारस्वत ,पृथ्वी चंद्राकर ,यशवंत देशमुख ,दीपक निर्मलकर, दीपांकर साहू ,आशुतोष सिंह, रामा लोकेंद्र वर्मा,दीपक जैन, पंकज सिंह,दीप चंद्राकर, अनमोल चौबे ,अजय वर्मा , आशीष वर्मा, हेमंत साहू। सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित हुए

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Author: mirchilaal

Anil

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