February 18, 2025 2:27 am

नौ दिन कन्यामाताओं का पूजन कर कराया जाता है कन्या भोज

दुर्ग- प्रदेश के एकमात्र स्थान दुर्ग के गंजपारा स्थित श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर परिसर में नवरात्र के अवसर पर मंदिर परिसर में विराजमान माता जी एवं क्वांर नवरात्र पर्व में पंडाल में विराजमान माता जी का प्रतिदिन अलग अलग रुप में श्रृंगार किया जाता है। इसके साथ साथ दुर्गा मन्दिर परिसर में प्रतिदिन कन्या भोज कराया जाता है। मन्दिर परिसर नवरात्रि में घटस्थापना के बाद यहां पर रोजाना बेटियों को भोजन करा के देवी भक्त माता को प्रसन्न कर रहे हैं। दुर्गा स्वरूप इन बेटियों को वे उनकी जरूरत का सामान भी उपहार में दे रहे हैं ताकि वह उसका उपयोग भी कर सकें।

समित्ति के राहुल शर्मा ने बताया कि पंडाल में रोजाना दोपहर 12 बजे कन्या पूजन किया जा रहा है। जिसमें सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली बेटियों को यहां बुलाया जा रहा है। और मंदिर परिसर में रोजाना दोपहर 12 बजे कन्या पूजन किया जा रहा है। जिसमें सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली बेटियों को यहां बुलाया जा रहा है। इन बेटियों का पूजन कर उन्हें भेंट में शिक्षण सामग्री जैसे पेंसिल, रबर, शॉपनर, कॉपी, पेन, बॉक्स, फल, आदि दिए जा रहे हैं ताकि वे शिक्षा की ओर बढ़ें और स्वस्थ रहे। समिति के लोगों का मानना है कि बेटियां अगर शिक्षित होंगी तो समाज भी शिक्षित होगा।
प्रतिदिन कन्या भोज में सभी कन्याओं को सुश्री पायल जैन नवकार परिसर द्वारा की प्रकार के फल एवं शिक्षण उपयोगी सामग्री का वितरण भेंट स्वरूप किया जा रहा है।
सत्तीचौरा समित्ति द्वारा प्रतिवर्ष प्रदेश का सबसे बड़ा एवं ऐतहासिक कन्या भोज भी कराया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में कन्या माताओ का पूजन, कन्या माताओं की शोभायात्रा, कन्याभोज, सामग्री वितरण किया जाता है, इस वर्ष महाकन्या भोज का अयोजन 12 अक्टूबर शनिवार को किया जा रहा है जिसकी तैयारी जोरों से की जा रही है

समिति के रवि शर्मा ने बताया कि सत्तीचौरा में विराजित मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा की प्रदेश में अपनी अलग पहचान लिए हुए हैं। पूरे प्रदेश में एकमात्र स्थान सत्तीचौरा है जहां प्रतिवर्ष 18 भुजाओं वाली देवी की मूर्ति रखी जाती है जिसका रोजाना अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है। ग्राम थनौद के मूर्तिकार मेघु मानिकपुरी की बनाई इस प्रतिमा का प्रतिदिन श्रृंगार विगत कई वर्षों से हेमंत मनिकपुरी करते आ रहे हैं। सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर में इस वर्ष 401 ज्योतिकलश की स्थापना भी की गई है।

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Author: mirchilaal

Anil

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