
परसा कोयला खदान हेतु आज पुनः भारी संख्या में पुलिस बल को तैनाती कर पेड़ो की कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया ।

लाठीचार्ज के विरोध में छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा ने दुर्ग कलेक्टर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया और कहाँ की हसदेव अरण्य जो की संविधान की पाँचवी अनुसूची में आता है जिसे पर्यावरण मंत्रालय (भारत सरकार) ने नो-गो की श्रेणी में रखा था वहाँ पर फर्जी ग्राम सभा के आधार पर खनन परियोजना को अनुमति देना ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक है ।

संदीप पटेल ने बताया कि हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति पिछले एक दशक से हसदेव के जल जंगल और ज़मीन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे है । 2021 में 300 किलोमीटर पदयात्रा कर रायपुर पहुँचने के बाद फर्जी ग्राम सभा की जाँच करने तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उईके जी ने आदेश जारी किया था । फर्जी ग्राम सभा की जाँच छत्तीसगढ़ अनुसिचित जनजाति आयोग द्वारा की गई है । जाँच में साल्ही और घाटबर्रा के पंचायत सचिव ने कहा है कि खनन की सहमति का प्रस्ताव ग्राम सभा की बैठक के बाद उच्च अधिकारियो के दबाव में जोड़ा गया है । उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम की उपस्थित पंजी एसडीएम ने अपने क़ब्ज़े में रखी थी । फर्जी ग्राम सभा करवाने वाले अधिकारियो पर कार्यवाही करने की बजाए निर्दोष आदिवासीयो पर लाठीचार्ज किया जा रहा है । ये विष्णुदेव सरकार का कैसा सुशासन है ?
जिला किसान संघ ( राजनांदगाँव ) के महेश साहू ने बताया कि दिनांक 26 जुलाई 2022 को विधानसभा में अशासकीय संकल्प के माध्यम से हसदेव में आबंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द करने हेतु सर्वानुमति से संकल्प पारित किया था । परंतु उस संकल्प की अवमानना कर हसदेव ने पुनः पेड़ो की कटाई की जा रही है ।
दुर्ग कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम नाम ज्ञापन देते हुए माँग की गई कि पेड़ो की कटाई पर रोक लगाई जाए ।
आज ज्ञापन देने छत्तीसगढ़ जान संघर्ष मोर्चा से वि.एन प्रसाद राव, संदीप पटेल , चन्द्रभान सिंह ठाकुर, महेश साहू, कलादास डहरिया, पवन, गीत ढहरिया, आदिवासी मातृशक्ति संगठन से चंद्रकला तारम, उमा सिंह, चंद्रिका रावत, छत्तीसगढ़ महिला मुक्ति मोर्चा से नीता ढहरिया और कामेश्वरी उपस्थित रहे ।

Author: mirchilaal
