
दुर्ग नगर निगम में पार्षद पद के लिए भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हो गया, फिर भी उन्हें निर्दलीय चुनाव लडऩे का अवसर मिलेगा। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सत्य है। दरअसल भाजपा प्रत्याशी ने दो वार्डों से नामांकन दाखिल कर दिया था। इसके चलते जिस वार्ड से उसे पार्टी द्वारा अधिकृत किया गया था, वहां का नामांकन निरस्त हो गया। जिस जगह पर नामांकन स्वीकृत हुआ, वहां भाजपा ने दूसरा प्रत्याशी उतार रखा है। ऐसे में यदि वे नामांकन वापस नहीं लेते तो उन्हें निर्दलीय चुनाव लडऩे का अवसर रहेगा।

नगर निगम के दाखिल किए गए नामांकनों की बुधवार को स्कूटनी की गई। इस दौरान पाया गया कि भाजपा नेता अजीत वैद्य ने वार्ड 12 और वार्ड 13 दोनों जगहों से बतौर भाजपा प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर दिया था। बताया जा रहा है कि वैद्य ने भाजपा के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होने से पहले ही अपने वार्ड नंबर 12 के लिए नामांकन दाखिल कर दिया था, लेकिन बाद में पार्टी नेताओं ने उन्हें वार्ड 13 के प्रत्याशी के रूप में अधिकृत कर दिया। इस पर वैद्य ने वार्ड 13 से भी नामांकन दाखिल कर दिया। इधर भाजपा ने वार्ड 12 से कुणाल मेश्राम को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाकर उनके नाम का बी-फार्म भी जमा करा दिया। निर्वाचन आयोग के नियमानुसार दो जगहों पर एक ही व्यक्ति द्वारा नामांकन की स्थिति में पहले दाखिल किए गए नामांकन को मान्य किए जाने का प्रावधान है। इससे चलते वैद्य के वार्ड 12 का नामांकन स्वीकार कर लिया गया और बाद में दाखिल किए गए वार्ड 13 के नामांकन निरस्त कर दिया गया। इस तरह वे अब वार्ड 13 से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। दूसरी ओर वार्ड 12 में कुणाल मेश्राम के रूप में पहले से अधिकृत प्रत्याशी होने के कारण वैद्य भाजपा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उनका नामांकन स्वमेव निर्दलीय मान लिया जाएगा। ऐसे में वैद्य मैदान में डटे रहते हैं तो निर्दलीय चुनाव लड़ सकेंगे।

Author: mirchilaal
