
लखनऊ में युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी ऑटो चालक अजय द्विवेदी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। यह मामला आलमबाग बस अड्डे से शुरू हुआ था, जहां अजय ने अयोध्या की महिला को अपने ऑटो में बैठाया और वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अजय की पहचान की और उसके ऊपर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। शुक्रवार को उसके भाई दिनेश को पहले ही सन्यासी बाग से गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस टीमें लगातार अजय की तलाश में जुटी थीं।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
रात करीब 9 बजे, जब अजय बाइक से मलिहाबाद में आम्रपाली वाटर पार्क के पास पहुंचा, तो पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम गश्त कर रही थी। चेकिंग के दौरान पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अजय ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे गोली मारी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे केजीएमयू ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पहले से था आपराधिक रिकॉर्ड
अजय द्विवेदी पर ठाकुरगंज, काकोरी और पारा थानों में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे। वह गैंगस्टर एक्ट में भी नामजद था। उसके भाई दिनेश को भी पहले दुष्कर्म के आरोप में जेल हो चुकी थी।
कैसे दिया वारदात को अंजाम?
गिरफ्तार आरोपी दिनेश ने पुलिस को बताया कि मंगलवार देर रात, अजय ने युवती को ऑटो में बैठाकर अंधे की चौकी पहुंचा, जहां दिनेश भी शामिल हो गया। दोनों ने उसे मलिहाबाद के मोहम्मदनगर इलाके में ले जाकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर, लेगिंग से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव वहीं छोड़कर फरार हो गए।
लापरवाही पर 7 पुलिसकर्मी निलंबित
इस जघन्य अपराध के बाद, पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर ने इंस्पेक्टर आलमबाग कपिल गौतम और बस अड्डा चौकी प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया।
इस एनकाउंटर के बाद, पुलिस का कहना है कि शहर में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

Author: mirchilaal
