
दुर्ग। प्रदेश पंचायत सचिव संघ अपने एक सूत्री मांग को लेकर 17 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश के ग्राम पंचायत के सचिवों का एक ही मांग है कि उनका शासकीय करण किया जाए जिसको लेकर प्रदेश भर में पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। ऐसे में 21 मार्च को शासन का एक आदेश आता है कि 24 घंटे में सभी पंचायत सचिव अपने काम में लौटे जिसकी प्रति को जलाकर आज पंचायत सचिवों ने शासन को चुनौती दे दिया है और कहा है कि जब तक शासकीय करण नहीं होगा कोई भी पंचायत सचिव वापस नहीं लौटेगा।


निमेष भोयर ने प्रेस से चर्चा के दौरान कहा कि हमें हड़ताल में बैठे 5 दिन हुआ है और शासन ने हमें काम में लौटने का आदेश जारी कर दिया जब 5 दिन में यह आदेश जारी कर सकते हैं तो हमारा शासकीय करण का आदेश कई महीनो से क्यों अटका हुआ है छोटी-छोटी मांगों को लेकर हमें हड़ताल करना पड़ रहा है सड़क की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है। इस कारण हम इस आदेश का पूरजोर विरोध करते हैं और ब्लॉक मुख्यालय के सामने आदेश के प्रति को जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन करते हैं।
प्रदेश पंचायत सचिव संघ के अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने के बाद गांवों में व्यवस्था चरमरा गई है, क्योंकि एक महीना पहले ही पंचायत का चुनाव हुआ है और लगभग सारे पंचायत में नए जनप्रतिनिधि बैठे हुए हैं साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा दी जाने वाली अनिवार्य सेवाओं तथा हितग्राही मूलक शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी काफी बाधा उत्पन्न हो रही है।

Author: mirchilaal
