
दुर्ग । उरला में 06 अप्रैल को घटी बच्ची के साथ घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। आज पूरा देश आरोपी को फांसी की सजा की मांग कर रहा है सुबह से ही पीड़िता के घर मिलने लोगों का राजनीतिक पार्टी, संगठन का तांता लगा हुआ है। इसी बीच दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ ने भी घोषणा कर दिया कि आरोपी के खिलाफ कोई भी अधिवक्ता पैरवी नहीं करेगा। इसके बाद पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने एसआईटी का गठन कर दिया है। जिसमें दो निरीक्षक दो उप निरीक्षक दो सहायक निरीक्षक और एक प्रधान आरक्षक शामिल है।

यहां पर बड़ा सवाल यह है कि जिस मोहन नगर थाने पर बच्ची के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उन पर जमकर मारपीट किया गया है उसी मोहन नगर थाने के सात पुलिस वालों को एसआईटी की टीम में शामिल किया गया है तो क्या इनके द्वारा जो जांच की जाएगी उनसे परिजन संतुष्ट होंगे या नहीं यह एक बड़ा सवाल सामने आ रहा है। कांग्रेस ने भी इस पर सवाल उठाया है कि क्या पुलिस अधीक्षक के पास पूरे दुर्ग जिला में टीम गठन करने के लिए सिर्फ मोहन नगर थाना ही मिला है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रीमती पद्मश्री तवंर, अति. पुलिस अधीक्षक (आईयूसीएडब्ल्यू), जिला दुर्ग के पर्यवेक्षण में विशेष टीम का गठन किया गया है, जिनके द्वारा प्रतिदिन कार्यवाही करते हुये शीघ्रातिशीघ्र विवेचना पूर्ण कर न्यायालय के समक्ष चार्जशीट प्रस्तुत करेंगे .
एसआईटी टीम में निरीक्षक शिव प्रसाद चंद्रा, थाना प्रभारी मोहन नगर, निरीक्षक श्रद्धा पाठक, थाना प्रभारी महिला थाना, उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर, थाना प्रभारी छावनी, उप निरीक्षक पारस ठाकुर, थाना मोहन नगर, सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र देशमुख, थाना मोहन नगर, सहायक उप निरीक्षक संगीता मिश्रा, रक्षा टीम,प्र.आर.क्रं. 738 लक्ष्मी नारायण पात्रे, थाना मोहन नगर शामिल हैं।

Author: mirchilaal
