May 20, 2025 6:17 am

सांकरा में हुआ भगवान श्री कृष्णा का जन्म, भगवताचार्य ने बताई कृष्ण जन्म की कथा

ग्राम सांकरा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन


राजनांदगांव। ग्राम सांकरा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। भगवतचार्य श्री कृष्ण धर दीवान जी राजा परपोड़ी ने रविवार को भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा बताई।श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा* के अंतर्गत रविवार की रात्रि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की वेला आई, पूरा वातावरण “जय कन्हैया लाल की” और “नंद के घर आनंद भयो” के जयकारों से गूंज उठा।


कार्यक्रम की शुरुआत कथा व्यास कथावाचक भगवताचार्य श्री कृष्ण धर दीवान द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के वर्णन से हुई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जब धरती पर अधर्म बढ़ा और अत्याचार अपनी चरम सीमा पर पहुंचा, तब भगवान विष्णु ने देवकी और वासुदेव के यहां आठवें पुत्र के रूप में अवतार लिया। इस दौरान मंचन करते हुए खुमेश साहू वासुदेव का रूप धारण कर यमुना नदी से बालक श्रीं कृष्ण को पार कर गोकुल लेजाने का कथा का मंचन किया. बाल स्वरूप में भगवान कृष्ण को देख कर भक्तों ने मंदिर की घंटियां, शंखनाद, पुष्पवर्षा और भक्तों की आरती से वातावरण अत्यंत आध्यात्मिक और भावविभोर हो गया। भगवान को मिश्री, माखन, तुलसी-दल, पंचामृत और वस्त्र अर्पित किए गए। इसके बाद भगवान की भक्ति में सब झूम उठे।


विशेष सजावट और झांकी आकर्षण का केंद्र

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की मनमोहक झांकियां लगाई गई थीं, जिसमें वासुदेव का श्रीकृष्ण को टोकरी में लेकर यमुना पार ले जाना, गोवर्धन पर्वत धारण करना, रासलीला तथा माखन चोरी जैसी लीलाओं का सुंदर चित्रण किया गया। मंदिर और कथा स्थल को रंगीन झालरों, फूलों और दीपों से सजाया गया था।

भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में देर रात तक भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों और भजन मंडलियों ने भगवान की महिमा का गुणगान किया। “मुरली मनोहर श्रीकृष्ण”, “छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल” जैसे भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। बाल भक्तों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और दही-हांडी प्रतियोगिता ने कार्यक्रम में विशेष उत्साह जोड़ा।

भक्तों ने लिया प्रसाद, किया सेवा कार्य
कृष्ण जन्म के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया गया जिसमें माखन-मिश्री, पंचामृत और खीर का विशेष भोग था। आयोजकों द्वारा निशुल्क भोजन वितरण (भंडारा) की भी व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने सेवा कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। आयोजक लाल कुमार साहू और साहू परिवार के द्वारा किया जा रहा है।

mirchilaal
Author: mirchilaal

Anil

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