दुर्ग जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन सड़क के लिए जमी देने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की गणना में गड़बड़ी के शिकायतों की जांच अब ईओडब्ल्यू यानि आर्थिक अपराध शाखा करेगी। प्रदेश सरकार ने किसानों की शिकायतों और रायपुर में गड़बड़ी खुलने के बाद दुर्ग में भी इन मामलों की जांच का फैसला किया है। फैसले के साथ मामला भी ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया है।


मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने यहां मीडिया के सामने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जिला मुख्यालय में सुशासन तिहार के तहत जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने दुर्ग के अलावा बेमेतरा व कवर्धा जिले के विभागों की सिलसिलेवार समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, राज्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी मौजूद थे। प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री इसकी जानकारी भी रखी। उन्होंने बताया सुशासन तिहार के तहत आयोजित किए जा रहे समाधान शिविरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आकस्मिक जाकर कामकाज को लेकर फीडबैक ले रहे हैं।
इसलिए किया जांच का फैसला
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की व्यापक शिकायतें है। यह प्रदेश की महती योजना है और सरकार किसानों की हितों के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए ऐसे किसी भी मामले को नजरअंंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू से जांच के फैसले के साथ ही मामला सौंप दिया गया है। जल्द जांच शुरू हो जाएगी।
दुर्ग-पाटन में 750 से ज्यादा मामले
भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क के लिए जिले में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की गणना को लेकर 750 से ज्यादा शिकायतें हैं। किसानों का आरोप है कि एचएचएआई के अफसरों से मिलीभगत कर भू-अर्जन अधिकारियों ने यह गड़बड़ी की है। इससे किसानों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा परिसंपत्तियों की गणना में भी गड़बड़ी की शिकायतें हैं।

Author: mirchilaal
