जिले के खदान संचालकों की अब मनमानी नहीं चलेगी। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने खनन व पर्यावरण नियमों के साथ सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने की शिकायतों के बाद इन पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके लिए उन्होंने सभी एसडीएम को जिम्मेदारी तय की है।


कलेक्टर अभिजीत सिंह ने सभी खदानों की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच में खनन, पर्यावरण अथवा सुरक्षा मानकों को लेकर कोई भी खामी पाई गई तो कार्रवाई के साथ सुरक्षा उपायों में संभावित खर्चे और दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे की राशि की वसूली की जाएगी। कलेक्टर ने कहा है कि जिले के सरेंडर और वर्तमान में चालू खदानों में सुरक्षा व्यवस्था के अभाव के चलते आए दिन दुर्घटनाओं की शिकायतें सामने आ रही हैं। खदानों में लोगों एवं मवेशियों के गिरने व डूबने से मृत्यु की घटनाएं हो रही है। इसके अलावा कई खदान क्षेत्रों में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका भी बनी रहती है।
पौधरोपण और बेंचेस में खुदाई
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने खदानों के चारों ओर 7.5 मीटर पट्टी रखते हुए वृक्षारोपण कराए जाने, बेंचेस (खाईनुमा रहित) का निर्माण और सुरक्षा मानकों के अनुरूप क्लोजर प्लान का पालन कराने के लिए कहा है। बता दे कि जिले के अधिकतर खदानों में इनमें से किसी नियम का भी पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में अधिकतर के ऊपर कार्रवाई संभव है।
सुरक्षा घेरा के खर्च की वसूली
नियमानुसार खदानों और उनके गड्ढों को फेंसिंग लगाकर सुरक्षित किया जाना चाहिए, लेकिन जिले के अधिकतर खदानों में इसका पालन नहीं हो रहा है। ऐसे खदानों में अब सुरक्षा घेरा जरूरी होगा। संचालक द्वारा घेरा नहीं बनाए जाने पर प्रशासन की ओर से यह कार्य कराया जाएगा और इसकी वसूली संचालक से की जाएगी।
मुआवजे की होगी वसूली
खुले अथवा बंद खदानों में लोगों व मवेशियों के गिरने व डूब जाने से मौत की कई घटनाएं हो चुकी है। ऐसे मामलों में राज्य शासन द्वारा मुआवजा दिया जाता है। कलेक्टर ने कहा है कि ऐसी घटनाओं पर अब संबंधित खदान संचालक से मुआवजे की राशि की वसूली की जाएगी।

Author: mirchilaal
