
धान का पैदावार के लिए फास्फोरस है जरूरी, एनपीके खाद में सिर्फ 20 प्रतिशत फास्फोरस, डीएपी खाद में होता था 46 प्रतिशत फास्फोरस

गन्ना, लहसुन, प्याज, चाय, मूंगफली इत्यादि फसलों के लिए है एनपीके खाद , सरकार किसानों को बांट रही है धान के फसल के लिए
पाटन। जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर बुधवार को फुंडा व मर्रा सोसायटी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जहां किसानों को खेती कार्य के लिए बांटे जा रहे खाद व बीज की जानकारी लिया गया । उपस्थित कर्मचारियों ने जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर को जानकारी प्रदान करते हुवे कहा अंतराष्ट्रीय बाजार में शॉर्टेज की वजह से किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध नही करा पा रहे है । डीएपी खाद के स्थान पर किसानों को एनपीके खाद पकड़ाया जा रहा है। वहीं अधिकतर सोसायटी में किसानों को बीज तक नही मिल पा रहा है तो कुछ सोसायटी में केवल सरना धान ही उपलब्ध है वो भी काफी देरी से सोसायटी तक पहुंचा।

बांटे जा रहे खाद, धान की फसल के लिए है ही नही
जिलाध्यक्ष श्री ठाकुर ने जब किसानों को बांटे जा रहे खाद देखा तो आश्चर्य में रह गए क्योकि जो खाद धान फसल के लिए बांटा जा रहा है वो खाद धान फसल के लिए है ही नही । श्री ठाकुर ने बताया कि बांटे जा रहे खाद एनपीके में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह खाद गन्ना, लहसुन, प्याज, चाय, मूंगफली , सरसो, नारियल, तिल, सोयाबीन इत्यादि के लिए है, एनपीके खाद धान की खेती के लिए है ही नही जिसे भाजपा सरकार किसानों को जबरदस्ती पकड़ा रही है। यह सरकार की सोची समझी साजिश है कि किसानों की धान का पैदावार कम हो ताकि किसानों का धान 21 क्विंटल खरीदना न पड़े । श्री ठाकुर ने कहा कि किसानों का धान का फसल कम पैदावार हो सोच कर भाजपा सरकार किसानो के साथ धोखा कर रहा है, पूरा षड्यंत्र 21 क्विंटल धान खरीदी से बचने के लिए है। जिलाध्यक्ष राकेश ठाकुर ने एनपीके खाद के बैग की तश्वीर भी जारी किया है जिसमे उक्त खाद किसी अन्य फसल के लिए होना उल्लेख है।
एनपीके खाद में डीएपी के अपेक्षा काफी कम मात्रा में होगा उत्पादन
काँग्रेस जिलाध्यक्ष एवं किसान नेता राकेश ठाकुर ने खाद से संबंधित जानकारी साझा करते हुवे कहा कि धान की फसल को सबसे ज्यादा फास्फोरस की आवश्यकता होती है , चूंकि की किसानों का पसंदीदा खाद डीएपी है जिसमें फास्फोरस की मात्रा 46 प्रतिशत होती थी जिसे भाजपा सरकार द्वारा षड्यंत्र पूर्वक बंद कर किसानों को एनपीके खाद दिया जा रहा है फास्फोरस की मात्रा सिर्फ 20 प्रतिशत है जिससे किसानों को धान की फसल में एनपीके खाद की आवश्यकता ही नही है, यह खाद अन्य फसलों के लिए है जिसमें फास्फोरस की कम मात्रा की आवश्यकता होती है। किसानों को डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके खाद बांटे जाने से किसानों को धान की पैदावार में 30 प्रतिशत तक कम पैदावार होगा जो किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।
निरीक्षण के दौरान युवा कांग्रेस जिला महासचिव अमृत सिंह राजपूत, वेदप्रकाश पाटिल, पालेश्वर ठाकुर, हितेश निर्मलकर सहित किसान मौजूद थे ।

Author: mirchilaal
