
खेती की शुरूआत में ही डीएपी के संकट पर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की नाराजगी सामने आई है। किसानों का कहना है आवश्यकता के अनुसार समितियों में खाद का भंडार नहीं किया गया है। विशेष रूप से बोनी के समय जरूरी डीएपी खाद का संकट है। नाराज किसानों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।


छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेताओं ने दुर्ग में बैठक कर इस ओर प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। किसानों ने बताया कि डीएपी के लिए किसानों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। इससे इस खरीफ में धान के उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। किसानों ने इस बात पर चिंता जताई कि किसानों की मजबूरी का नाजायज़ फायदा उठाया जा रहा है और धड़ल्ले से अमानक खाद किसानों को थमाया जा रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करें कि बाजार में किसी भी स्थिति में अमानक खाद, बीज और दवा की बिक्री नहीं होना चाहिए। बैठक में संतु पटेल, गिरीश दिल्लीवार, मेघराज मढ़रिया, मनोज मिश्रा, परमानंद यादव, ढालेश साहू, गीतेश्वर साहू, उत्तम चंद्राकर, बाबूलाल साहू, बद्री प्रसाद पारकर, लोचन सिंहा, आईके वर्मा और राजकुमार गुप्त मौजूद थे।

बिजली कटौती से रोपाई प्रभावित
खेती किसानी के समय बिजली कटौती की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए किसानों ने कहा कि इसके कारण रोपाई की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं, बिजली की गुणवत्ता भी घटिया है, तारों की क्षमता भार के अनुसार नहीं है जिसके कारण अक्सर ब्रेक डाउन होता है। स्टाफ और सामग्री की कमी के कारण कई दिनों तक सुधार नहीं हो रहा है।
एमएसपी की हो कानूनी गारंटी
किसान नेताओं ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धान का एमएसपी बढ़ाया जाता है किन्तु इसके लाभ से किसानों को वंचित रखा जाता है। किसान संगठन ने सभी उपजों के लिए घोषित एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग की। किसान संगठन की बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई है कि नई सरकार को डेढ़ साल पूरे हो गए हैं लेकिन अब तक समिति के चुनाव नहीं कराए गए हैं।
किसानों से ज्यादा उद्योग की चिंता
बैठक में पाइप द्वारा खरखरा का पानी रूदा लाने की चर्चा करते हुए कहा गया कि सरकार करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन इसे उद्योग को दिया जा रहा है, जबकि पानी पर पहला अधिकार किसानों का होता है। बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर चर्चा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया गया है कि सरकार किसानों में भेदभाव कर रही है।

Author: mirchilaal
